पृष्ठ
▼
29 April, 2017
25 April, 2017
जो नहीं है वही लुभाएगा ... - डॉ शरद सिंह
24 April, 2017
ज़िन्दगी भी अज़ब पहेली है ... - डॉ शरद सिंह
22 April, 2017
20 April, 2017
तप रहे हैं दिन ...- डॉ शरद सिंह
12 April, 2017
यादों का पहरा है ... - डॉ शरद सिंह
06 April, 2017
पतझड़ में भीग रही लड़की ....
Shayari of Dr (Miss) Sharad Singh |
(मेरे ग़ज़ल संग्रह 'पतझर में भीग रही लड़की’ से )
पतझड़ में भीग रही लड़की।
मौसम को जीत रही लड़की।
रहते दिन कभी नहीं एक से
अनुभव से सीख रही लड़की।
शिखरों तक जा पहुंची आज तो
कल तक जो दीन रही लड़की।
पढ़ती है धूप की क़िताबें
रातों की मीत रही लड़की।
मुट्ठी में होगी कल दुनिया
सपनों को बीन रही लड़की।
मांगे से मिले कब उजाले
अपना हक़ छीन रही लड़की।
चाहत का द्वार ‘शरद’, देख लो
आशा से लीप रही लड़की।
- डॉ शरद सिंह
#Shayari #SharadSingh
03 April, 2017
ऐसा लगता है ...
Shayari of Dr (Miss) Sharad Singh |
सूखी पत्ती पैरों में दब कुछ न कुछ तो बोलेगी
दबी ज़िन्दगी का हर पहलू धीरे -धीरे खोलेगी
इतनी ज़्यादा दुखी दिखाई देती है, चिट्ठी पढ़ कर
ऐसा लगता है वह जा कर तक़िया अभी भिगो लेगी
- डॉ शरद सिंह
#Shayari #SharadSingh