tag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post6241747193381489956..comments2024-02-25T13:48:52.158+05:30Comments on Sharad Singh: कोरोना ने मेरी दीदी डॉ वर्षा सिंह को मुझसे छीन लिया....Dr (Miss) Sharad Singhhttp://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-18733765319171661922021-05-04T16:40:03.613+05:302021-05-04T16:40:03.613+05:30ओह! बहुत ही दुखद..ओह! बहुत ही दुखद..Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-89878127220836203572021-05-04T16:18:29.008+05:302021-05-04T16:18:29.008+05:30ब्लॉग जगत की सुप्रसिद्ध गज़लकारा और रचनाकार माननी...<br />ब्लॉग जगत की सुप्रसिद्ध गज़लकारा और रचनाकार माननीया वर्षा सिंह जी के आकस्मिक निधन पर , उनकी पुण्य स्मृति को समर्पित भावपूर्ण श्रद्धांजलि लेख जितेंद्र माथुर जी की कलम से 🙏🙏🙏<br />https://jitendramathur.blogspot.com/2021/05/blog-post_3.html?showComment=1620064285796&m=1#c258691766776016589<br /><br /><br /><br />रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-30843665345472691642021-05-04T16:09:41.699+05:302021-05-04T16:09:41.699+05:30🙏🙏🙏🙏🙏
निःशब्द हूँ ।🙏🙏🙏🙏🙏<br /><br />निःशब्द हूँ ।संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-46078306088525965202021-05-04T15:59:18.783+05:302021-05-04T15:59:18.783+05:30लौट आओ दोस्त
हुई सूनी दिल की महफ़िलें,
नज़्म है उद...लौट आओ दोस्त<br />हुई सूनी दिल की महफ़िलें,<br />नज़्म है उदास<br />थमे ग़ज़लों के सिलसिले,<br />अंतस में घोर सन्नाटे हैं।<br />सजल नैनों में ज्वार - भाटे हैं<br />बिछड़े जो इस तरह गए<br />ना जाने किस राह चले?<br />कौन देगा शरद को<br />स्नेह की थपकियाँ<br />किसके गले लग बहन की।<br />थम पाएंगी सिसकियां<br />किस बस्ती जा किया बसेरा<br />हुए क्यों इतने फासले!!<br />विनम्र श्रद्धांजलि वर्षा जी 😔😔😪😔<br />🙏🙏🙏🙏🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-71082442895536528022021-05-04T15:56:59.371+05:302021-05-04T15:56:59.371+05:30विश्वास नहीं कर पा रहे कि वर्षा जी नहीं रही। उनका ...विश्वास नहीं कर पा रहे कि वर्षा जी नहीं रही। उनका खूबसूरत, तेजस्वी मुखड़ा आँखों से ओझल नहीं हो पा रहा। उनके ब्लॉग पर जाते ही सुंदर छवि चित्र बरबस सम्मोहन में मेंबांध लेता था। मैंने हाल ही में हुई उनकी माता जी के निधन के फलस्वरूप उनके ब्लॉग पर श्रद्धाञ्जली शब्द लिखे थे। अपनी अस्वस्थता में शायद वे उनका उत्तर ना दे पाईं और उत्तर अपने साथ लेकर चली गयी। ज्यादा परिचय ना होने पर भी भी स्नेह स्वरूप उनके शुभ कामना संदेश फेसबुक पर यदा कदा मिलते रहते थे। एक दो बार वहाँ अनौपचारिक संवाद भी हुआ जो मेरे लिए अविस्मरणीय है। आभासी संसार भी एक परिवार जैसा ही लगता है अब तो। यहाँ भी कोई अनहोनी परिवार जैसे ही दर्द देती है। वर्षा जी की रचनाएँ आँखें नम करती रहेंगी। उनका भावपूर्ण लेखन सदैव पाठकों को रिझाता रहेगा। शरद जी के लिए बहुत दर्द का अनुभव हो रहा है। माँ और बड़ी बहन को एक साथ खोना कितना हृदय विदारक रहा होगा ये सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। बुंदेलखंड ने अपनी इस मेधावी, विदुषी बेटी को खोकर ,संस्कारों और समाज के प्रति समर्पित एक विलक्षण व्यक्तित्व गँवा दिया है।<br />नमन वर्षा जी।<br />आप हमेशा याद आयेंगी। आपकी पुण्य स्मृतियों को विनम्र सादर नमन।<br />शरद जी के साथ मेरी संवेदनाएं। साथ में उनके स्वास्थ्य के लिए दुआएं, वे सकुशल रहे और परिवार, माँ बहन की विरासत सहेजें, ईश्वर उन्हें नियति का ये प्रचंड प्रहार सहने की शक्ति दे। 🙏🙏<br />रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-62792360752122218372021-05-04T15:55:48.389+05:302021-05-04T15:55:48.389+05:30रह न जाये याद बन कर
बूंद-"वर्षा" की कहान...रह न जाये याद बन कर<br />बूंद-"वर्षा" की कहानी<br />स्मृति शेष वर्षा जी ये पंक्तियाँ लिखते सोचा ना होगाकि ये आपके जीवन का अंतिम सत्य बन जायेगी। नमन !नमन!!नमन!!!आप हमेशा याद आयेंगी 🙏🙏😔😔😪😪😔😔😪😪रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-85947354387942909072021-05-04T00:11:19.852+05:302021-05-04T00:11:19.852+05:30ओह! क्या लिखूं, इस कोरोना काल ने बहुत लोगो को छीना...ओह! क्या लिखूं, इस कोरोना काल ने बहुत लोगो को छीना,पर ये खबर तो अंदर तक तोड़ दिया । आखिर वर्षा जी को अभी बहुत कुछ करना बाकी था,उनका लेखन अपने चरम पर था,<br />वर्षा जी जैसी समृद्ध साहित्य साधिका का इस तरह जाना विश्वास से परे है, ईश्वर से कोटि कोटि प्रार्थना है, कि आदरणीय शरद जी को इस अपार दुख को सहने की शक्ति दे,शरद जी हम इस घड़ी में हर पल आपके साथ हैं, ईश्वर हमारी प्रिय वर्षाजी को परम शांति दे🌹🌹🙏🙏जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-20609437759115376992021-05-03T21:09:57.695+05:302021-05-03T21:09:57.695+05:30सादर नमस्कार शारद जी,
आदरणीया वर्षा जी की असमय ज...सादर नमस्कार शारद जी, <br /><br />आदरणीया वर्षा जी की असमय जाने की खबर हम सभी के लिए भी असहनीय है। <br /><br />काल का ये क्रूर प्रहार निःसंदेह आपके परिवार को झकझोर कर रख दिया होगा। <br /><br />आपकी मनःस्थिति कैसी होगी हम समझ सकते हैं,और बहुत हद तक महसूस भी कर रहें हैं। <br /><br />नियति के आगे किसकी चली है,साहित्य की सच्ची सेविका को हमने खो दिया। <br /><br />वर्षा जी अपने गीत और ग़ज़लों के रूप में,अपनी चिरपचित मुस्कुराहट लिए हुए सदैव हमारे स्मृति में बसी रहेगी <br /><br />परमात्मा वर्षा जी की आत्मा को शन्ति दे ,आपको और परिवारजनों को सब्र। <br /><br />मैं और चर्चा मंच का हर सदस्य आपके दुःख में पूर्णतः शामिल है ,चर्चा मंच की तरफ से वर्षा जी को श्रद्धासुमन के रूप में उनकी ही कुछ चुनिंदा रचनाएँ प्रस्तुत कर रहें है <br /><br /> उनकी प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (4-5-21) को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> "कला-प्रेरिका वर्षा जी नहीं रहीं" (चर्चा अंक 4056)</a> पर होगी।<br /> आप को सूचित करना हमारा कर्तव्य था। <br /> -- <br />कामिनी सिन्हा <br />Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-67078998079947426282021-05-03T20:04:03.966+05:302021-05-03T20:04:03.966+05:30नि:शब्द! न नम आंखों को कुछ दिख रहा है न कंठ से कोई...नि:शब्द! न नम आंखों को कुछ दिख रहा है न कंठ से कोई शब्द फूटने को तैयार है... कितना धुंधला-सा लगता है जीवन का यह चित्रपट! वर्षा जी की स्मृति सदैव मन के एक विक्षुब्ध कोने में काल के इस क्रूर दंश से सिसकती रहेगी। वर्षा जी प्रणाम। हमारी यादों के अंतरिक्ष में आपकी ग़ज़ल सर्वदा अनंत को साधती रहेगी।😢😢😢🙏🙏🌹🌹🙏🙏<br />आदरणीय शरदजी, काल के इस भयानक प्रहर में हम आपके साथ हैं। ईश्वर इस भीषण त्रास को सहने की हम सबको शक्ति दे और दिवंगत आत्मा को चिर शांति!!🌹🌹🌹🙏🙏🙏विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-87187496421199161162021-05-03T19:14:43.274+05:302021-05-03T19:14:43.274+05:30ओह 😢 बहुत ही स्तब्ध कर देने वाली खबर। ईश्वर से प्...ओह 😢 बहुत ही स्तब्ध कर देने वाली खबर। ईश्वर से प्रार्थना है कि वर्ष जी की आत्मा शांति और आप सबको यह असीम दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-64952455574968000712021-05-03T17:57:57.599+05:302021-05-03T17:57:57.599+05:30इस दुखद खबर से स्तब्ध और दुखी हूँ । ईश्वर से उनकी ...इस दुखद खबर से स्तब्ध और दुखी हूँ । ईश्वर से उनकी आत्मा हेतु शांति की प्रार्थना करती हूँ 🙏🙏Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-48997747802775010262021-05-03T17:45:57.243+05:302021-05-03T17:45:57.243+05:30दुखद! विश्वास करना मुश्किल हो रहा है..! ईश्वर दिवं...दुखद! विश्वास करना मुश्किल हो रहा है..! ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे।🌻शिवम कुमार पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/04835045259840214933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-60187253576648779002021-05-03T16:49:36.096+05:302021-05-03T16:49:36.096+05:30आ. डा. वर्षा जी के निधन की खबर पाकर स्तब्ध हूँ। कई...आ. डा. वर्षा जी के निधन की खबर पाकर स्तब्ध हूँ। कई बार उनकी प्रतिकियाओं ने मुझे प्रेरित किया है। उनकी असामयिक मृत्यु ब्लॉग जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।<br />ईश्वर से उनकी दिवंगत आत्मा हेतु शांति की प्रार्थना करता हूँ।<br /><br />🙏🙏🙏🙏🙏🙏पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-65181084483848220882021-05-03T10:45:35.708+05:302021-05-03T10:45:35.708+05:30ओह नो! आंखों को इन शब्दों पर विश्वास ही नहीं हो पा...ओह नो! आंखों को इन शब्दों पर विश्वास ही नहीं हो पा रहा। बहुत भारी आघात लगा है मुझे। और आपकी मनोदशा के बारे में सोच-सोचकर ही जैसे सर फटा जा रहा है। विधना का यह कैसा खेल है, कुछ समझ में नहीं आ रहा।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.com