tag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post4336259195050305510..comments2024-02-25T13:48:52.158+05:30Comments on Sharad Singh: उसे क्या ? | कविता | डॉ शरद सिंहDr (Miss) Sharad Singhhttp://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-3282646589278344752021-05-12T16:57:23.062+05:302021-05-12T16:57:23.062+05:30गहनतम। मन में बहुत कुछ है जिसे अभी अभिव्यक्त होना ...गहनतम। मन में बहुत कुछ है जिसे अभी अभिव्यक्त होना है...। PRAKRITI DARSHANhttps://www.blogger.com/profile/10412459838166453272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-7961634361853889702021-05-12T16:35:43.977+05:302021-05-12T16:35:43.977+05:30हर घर का यही हाल है,अब धैर्य रखने के अलावा कुछ नही...हर घर का यही हाल है,अब धैर्य रखने के अलावा कुछ नहीं कर सकते, उनकी यादें ही जीवित रहेगी Bharti Dashttps://www.blogger.com/profile/04896714022745650542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-46617138801160762162021-05-12T13:41:22.415+05:302021-05-12T13:41:22.415+05:30आपके दर्द, आपकी पीड़ा, आपकी वेदना को हम सब की संवेद...आपके दर्द, आपकी पीड़ा, आपकी वेदना को हम सब की संवेदनाएं मिल कर भी कम नहीं कर सकतीं ! कहते हैं कि दुःख बांटने से कम होता है, पता नहीं ! अब तो प्रभु से यही विनती है कि वह आपको संबल प्रदान करे ! गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-1359703566184848602021-05-12T12:20:18.174+05:302021-05-12T12:20:18.174+05:30धैर्य रखें। ईश्वरीय इच्छा के आगे हम बौने हो जाते ह...धैर्य रखें। ईश्वरीय इच्छा के आगे हम बौने हो जाते हैं। सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-80733658919938204292021-05-12T11:57:09.513+05:302021-05-12T11:57:09.513+05:30शब्द-शब्द में पीड़ा है,ये पीड़ा आज सिर्फ हमारी नहीं ...शब्द-शब्द में पीड़ा है,ये पीड़ा आज सिर्फ हमारी नहीं अनगिनत लोगो की है,जो चले गए उन्हें लौटा नहीं सकते,मगर जो है उन्हें सहेजने और सुरक्षित रखने का प्रयास निरंतर करते रहना ही हमारा कर्तव्य है,आपकी वेदना बांटी नहीं जा सकती बस आपके दुःख में साथ होने के लिए आश्वस्त कर सकते हैं। जितेंद्र जी की कही बातों से मैं पूर्णतः सहमत हूँ "हमें क्या" इस सोच को यदि नहीं त्यागा गया तो विनाश लीला अभी आगे और बड़ा मुँह खोल के तैयार है,परमात्मा आपको इस दुःख से निकलने की शक्ति दे <br />Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-44332371035168211092021-05-12T10:56:25.379+05:302021-05-12T10:56:25.379+05:30शब्दों में बह जाए मन का शोक और विषाद, रह गई है शेष...शब्दों में बह जाए मन का शोक और विषाद, रह गई है शेष बस एक मधुर याद। मार्मिक रचना, आपकी प्रिय बहन अपने गीतों में सदा ही आपके व सबके साथ हैं Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-61598164567455377282021-05-12T09:43:50.036+05:302021-05-12T09:43:50.036+05:30आपके मन की पीड़ा अथाह है शरद जी जिसे शब्दों में ढाल...आपके मन की पीड़ा अथाह है शरद जी जिसे शब्दों में ढाला है आपने । सांत्वना के लिए शब्दों की कमी पड़ती है और पढ़ते समय अश्रु बूंद छलक पड़ती हैं।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-83695794802703277002021-05-12T09:09:17.864+05:302021-05-12T09:09:17.864+05:30हार्दिक धन्यवाद अनीता सैनी जी 🙏हार्दिक धन्यवाद अनीता सैनी जी 🙏Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-37781532626370586112021-05-11T23:10:59.152+05:302021-05-11T23:10:59.152+05:30जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल...जी नमस्ते ,<br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (११ -०५ -२०२१) को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow">'कुछ दिनों के लिए टीवी पर बंद कर दीजिए'(चर्चा अंक ४०६३)</a> पर भी होगी।<br />आप भी सादर आमंत्रित है। <br />सादर <br />अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-27651708990646836432021-05-11T20:07:57.371+05:302021-05-11T20:07:57.371+05:30दिगम्बर नासवा जी यही तो प्रारब्ध है...
आंसू-आंसू ...दिगम्बर नासवा जी यही तो प्रारब्ध है... <br />आंसू-आंसू पीना है<br />यादों के संग जीना हैDr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-10044167270529558252021-05-11T20:05:13.083+05:302021-05-11T20:05:13.083+05:30धन्यवाद रेणु जी, कोशिश कर रही हूं सम्हलने की...नाम...धन्यवाद रेणु जी, कोशिश कर रही हूं सम्हलने की...नामुमकिन नहीं पर बहुत कठिन है...Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-62968592272507071062021-05-11T20:03:00.511+05:302021-05-11T20:03:00.511+05:30हार्दिक आभार विश्वमोहन जी 🙏हार्दिक आभार विश्वमोहन जी 🙏Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-50532660450993651722021-05-11T20:02:24.165+05:302021-05-11T20:02:24.165+05:30जितेंद्र माथुर जी, पीड़ा कलेजे को मथ रही है...हिम्म...जितेंद्र माथुर जी, पीड़ा कलेजे को मथ रही है...हिम्मत देने के लिए धन्यवाद 🙏Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-57979588695567403882021-05-11T19:08:30.259+05:302021-05-11T19:08:30.259+05:30निःशब्द हूँ आपके शब्दों पर ... मन की पीड़ा को लिखा ...निःशब्द हूँ आपके शब्दों पर ... मन की पीड़ा को लिखा है आपने ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-87511122119231072112021-05-11T17:06:50.038+05:302021-05-11T17:06:50.038+05:30निशब्द हूं इस आक्रांत स्वर के पीछे छिपी पीड़ा और...निशब्द हूं इस आक्रांत स्वर के पीछे छिपी पीड़ा और असहस्यता की अनुभूति करके। आपके साथ हमारी समस्त संवेदनाएं और स्नेह है शरद जी। आपके पास ना होते हुए भी आत्मा की उपस्थिति आपके ही आसपास है वर्षा जी के जाने के बाद। आपको हिम्मत मिले वही दुआ है। ये शोक गीत आँखें नम कर गया।<br /><br />ReplyDeleteरेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-90928263125237306032021-05-11T17:05:18.262+05:302021-05-11T17:05:18.262+05:30This comment has been removed by the author.रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-25470943478164575132021-05-11T16:30:32.329+05:302021-05-11T16:30:32.329+05:30बिल्कुल सही। आपके शोक गीत में अपनी संवेदना का स्वर...बिल्कुल सही। आपके शोक गीत में अपनी संवेदना का स्वर समर्पित करता हूँ।🙏🙏🙏विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-12019401896284142102021-05-11T12:23:03.423+05:302021-05-11T12:23:03.423+05:30आपने ठीक कहा शरद जी। मृत्यु को तो शोकगीत ही अच्छे ...आपने ठीक कहा शरद जी। मृत्यु को तो शोकगीत ही अच्छे लगते हैं, इसलिए वह तो गाएगी, उसे क्या? लेकिन मृत्यु से जूझने के लिए हम लोगों को ही 'हमें क्या?' की मानसिकता त्याग कर सभी को अपना समझना होगा; सभी के दुख जानने, समझने, बांटने और दूर करने के प्रयास करने होंगे। मौजूदा माहौल में जो कि ख़ौफ़ज़दा और ग़मज़दा दोनों ही करने वाला है, हमारे लिए कोई भी बेगाना नहीं होना चाहिए। जिसके लिए जो भी अपने स्तर पर हम कर सकें, हम अवश्य करें। और मैं समझ सकता हूँ कि आपको अपने इस दर्द से जो कि आपके हर लफ़्ज़ में छलक-छलक जाता है, उबरने में बहुत वक़्त लगेगा। हौसला रखिए। जो हो गया, उसे लौटाया नहीं जा सकता। सिर्फ़ बिछुड़ने वालों की यादों को ही संजोया जा सकता है। जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.com