tag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post1257194146683154797..comments2024-02-25T13:48:52.158+05:30Comments on Sharad Singh: कविता | प्रेम करूंगी यक़ीनन | डॉ (सुश्री) शरद सिंहDr (Miss) Sharad Singhhttp://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4676881664154750429.post-74821488857554495582022-11-08T21:10:38.385+05:302022-11-08T21:10:38.385+05:30आदरणीया मैम , बहुत ही भावपूर्ण , मर्म स्पर्शी रचना...आदरणीया मैम , बहुत ही भावपूर्ण , मर्म स्पर्शी रचना । जिन शब्दों में आपने मानव की भावनाओं और संबंधों के गिरते स्तर को दर्शाया है , वह मन को झकझोर देता है । यदि हम माँ प्रकृति के प्रति और अपने आस-पास लोगों के प्रति अधिक संवेदनशील हों और स्वार्थ की भवन का त्याग करें , तब कहीं जा कर हमारे हृदय में पुनः प्रेम पनप सकेगा । Ananta Sinhahttps://www.blogger.com/profile/14940662000624872958noreply@blogger.com