20 April, 2017

तप रहे हैं दिन ...- डॉ शरद सिंह

Dr (Ms) Sharad Singh

धूप का मिजाज़ कुछ ज़्यादा गर्म है ...इसी बात पर ये पंक्तियां...
 


 तप रहे हैं दिन अलावों की तरह
ज़िन्दगी लगती सवालों की तरह
टीसते हैं रोज़ मन में प्रश्न कुछ
पांव में चुभते-से छालों की तरह
- डॉ शरद सिंह

#Shayari #SharadSingh

Shayari of Dr (Miss) Sharad Singh

1 comment:

  1. NICE WRITING IAM ALSO WRITER

    AAP NE BLOG PR GOOGLE ADD KYO NAHI LAGI HAI

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