09 August, 2012

भीगें हम-तुम ....


9 comments:

  1. वाह ... बहुत खूब।

    ReplyDelete
  2. बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,,

    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ.
    RECENT POST...: जिन्दगी,,,,..

    ReplyDelete
  3. bahut sundar prastuti..shabd viyas ke saath saath aap prastuti par bhi kafi dhyan rakhti hain..bahut bahut badhai..

    ReplyDelete
  4. सावन में सबके मन भीगे हैं..

    ReplyDelete
  5. आपके लेखा पर कुछ कहना सदैव बहुत कठिन

    यूँ न बरसकर तुम भिगाओ बारिस की इन बूंदों को .
    मोती आसमान से झरे हैं या लबों के बीच हैं

    ReplyDelete
  6. बारिश उमंगों को पंख दे देती है...

    ReplyDelete