27 March, 2012

तेरे इंतेज़ार में ....


29 comments:

  1. ग़ज़ल पढ़कर मन प्रसन्न हो गया

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  2. बेहद भावपूर्ण रचना..

    आभार.

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  3. इंतेज़ार करती आँखें बेहद खूबसूरत...

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  4. वाह ...बहुत खूब
    कल 28/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.

    आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!


    ... मधुर- मधुर मेरे दीपक जल ...

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  5. एक शे’र याद आ गया। शेयर कर लूं?
    तुम इतनी देर लगाया न करो आने में
    कि भूल जाये कोई इन्तिज़ार करना भी

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  6. बेहतरीन सृजन , अपने सन्देश में सफल .....बधाईयाँ जी

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  7. बहुत सुन्दर............
    तब तक याद करके मुस्कुराइए...
    :-)

    अनु

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  8. मन के महल रिक्त हैं अब भी।

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  9. वाह! बहुत ही बढ़िया

    सादर

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  10. bahut achchi nd sachchi abhiwyakti......mere blog pr kab??/

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  11. बहुत खूब ... सब कुछ इस मुस्कुराहट के साथ .. उन्ही के आने पे तो है ...
    कम शब्दों में गहरी बात ...

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  12. ये मुस्कान और बहार यूं ही बनी रहे

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  13. शरद जी बहुत छोटी सी बात है मगर सबकुछ है इसमें !

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  14. इतना खूबसूरत इंतजार...... वाह !!!!!

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  15. once again beautiful lines
    with touching emotions and feelings
    wonder ful picture.

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  16. सुन्दर ...कुछ पंक्तियाँ मेरी तरफसे भी
    मेरे जीने की वजह तुम हो ...तुम आओ तो साँसों में इजाफा हो जायें !

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  17. वाह,....बहुत उम्दा ,सुंदर भाव लाजबाब पोस्ट,....शरद जी बधाई

    MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: मै तेरा घर बसाने आई हूँ...

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  18. सुन्दर भाव कणिका.कविता के अनुरूप बोलती सी आँखें .इंतज़ार पर एक परम्परागत दृष्टि -

    कागा सब तन खाइयो ,चुन चुन खाइयो ,मॉस

    दो नैना मत खाइयो ,पीया मिलन की आस .

    उर्दू शायरी का एक रंग इंतज़ार का ये भी -

    न कोई वक्त ,न उम्मीद ,

    न कोई वायदा ,

    रह गुजर पर खड़े थे -

    करना था तेरा इंतज़ार .

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  19. बहुत सुन्दर डॉ शरद जी ...इन्तजार के बाद फूल सा खिलना आनन्द दाई पल ..
    जय श्री राधे
    भ्रमर ५

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  20. भारत तथा मध्यप्रदेश के आदिवासी जीवन पर ग्यारह पुस्तकें,
    I am interesting in above books. Pl Mail me in Details. Thanks
    Vinod Shukla

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